MDH और Everest मसालों पर प्रतिबंध : 2024

MDH

mdh everest spices banned

भारतीय मसाला ब्रांड्स MDH और Everest पर प्रतिबंध

प्रस्तावना : MDH and Everest Spices

सिंगापुर और हांगकांग ने हाल ही में भारतीय मसाला ब्रांड्स MDH और Everest Spices के कुछ उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसका कारण इन मसालों में हानिकारक यौगिकों की उपस्थिति बताई जा रही है।

प्रतिबंध का कारण :

इन दोनों देशों ने इन मसालों में एथिलीन ऑक्साइड (ETO) की मात्रा सीमा से अधिक पाई गई है, जो कि एक स्टेरिलाइजिंग एजेंट है और इसका उपयोग खाद्य सामग्री में किया जाता है।

भारतीय प्रतिक्रिया

भारतीय मसाला बोर्ड ने इस प्रतिबंध के बाद निर्यात के लिए जा रहे मसालों की जांच अनिवार्य कर दी है। इसके अलावा, भारत सरकार ने सिंगापुर और हांगकांग के खाद्य सुरक्षा नियामकों से इस मामले पर विस्तृत जानकारी मांगी है।

उद्योग की प्रतिक्रिया

MDH और Everest जैसे ब्रांड्स ने इस प्रतिबंध के बाद अपने उत्पादन प्रक्रिया में सुधार करने की बात कही है। वे इस मामले की जड़ का पता लगाने और सुधारात्मक उपाय करने के लिए प्रयासरत हैं।

उपभोक्ता की चिंताएं

MDH

इस प्रतिबंध की खबर से उपभोक्ताओं में भी चिंता का माहौल है। भारतीय घरों में MDH और Everest मसालों का उपयोग एक आम बात है, और इन ब्रांड्स पर विश्वास करने वाले लोग अब सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति सजग हो गए हैं। उपभोक्ता संगठनों ने भी इस मुद्दे पर सरकार और मसाला कंपनियों से तत्काल स्पष्टीकरण और समाधान की मांग की है।

वैश्विक प्रभाव

MDH और Everest जैसे ब्रांड्स के मसाले न केवल भारत में, बल्कि विश्व भर में भी लोकप्रिय हैं। इस प्रतिबंध से न केवल भारतीय बाजार पर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार पर भी असर पड़ सकता है। विश्व बाजार में भारतीय मसालों की प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता पर भी प्रश्न उठ सकते हैं।

आगे की राह

इस प्रतिबंध के बाद, भारतीय मसाला उद्योग के सामने एक नई चुनौती आ गई है। उद्योग को न केवल अपने उत्पादन मानकों को सुधारना होगा, बल्कि उपभोक्ताओं का विश्वास भी पुनः प्राप्त करना होगा। इसके लिए गुणवत्ता नियंत्रण, पारदर्शिता और उत्पाद सुरक्षा के प्रति एक नई सोच की आवश्यकता है। भारतीय मसाला बोर्ड और संबंधित उद्योग इस दिशा में काम कर रहे हैं, ताकि भारतीय मसालों की विश्वसनीयता को फिर से स्थापित किया जा सके।

Spice Board द्वारा MDH और Everest मसालों की जांच के लिए किन पहलुओं पर विचार कर रहा है

  1. एथिलीन ऑक्साइड (ETO) अवशेषों की जांच: सिंगापुर और हांगकांग में इन मसालों में ETO की मात्रा सीमा से अधिक पाई गई है, जो कि एक कैंसरकारी कीटनाशक है.
  2. निर्यातक सुविधाओं की गहन जांच: Spice Board निर्यातक सुविधाओं में नियामक मानकों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए गहन जांच कर रहा है.
  3. सुधारात्मक उपायों का प्रस्ताव: जिन निर्यातकों की खेपें वापस बुलाई गई हैं, उनके साथ काम करके समस्या के मूल कारण का पता लगाने और सुधारात्मक उपाय सुझाने के लिए Spice Board प्रयासरत है.
  4. ईटीओ संदूषण के प्रति जागरूकता: Spice Board ने ईटीओ संदूषण के प्रति निर्यात समुदाय में जागरूकता बढ़ाने और व्यापक दिशानिर्देश प्रदान करने के लिए सलाहकार परिपत्र जारी किया है.
  5. वैश्विक मानकों की जानकारी: Spice Board विभिन्न देशों के ईटीओ नियमों पर विस्तृत जानकारी को अपडेट कर रहा है और निर्यातकों और जनता के लिए उपलब्ध करा रहा है.

इन पहलुओं के अलावा, Spice Board तकनीकी जानकारी, विश्लेषणात्मक रिपोर्ट, और निर्यातक डेटा एकत्र करने के लिए संबंधित प्राधिकरणों से संपर्क में है. इसके साथ ही, भारतीय मिशनों के साथ संपर्क में रहकर और अधिक जानकारी और आधिकारिक सूचना प्राप्त कर रहा है.

निष्कर्ष

इस प्रतिबंध के बाद भारतीय मसाला उद्योग में गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को लेकर जागरूकता बढ़ी है। भारतीय मसाला बोर्ड और उद्योग दोनों ही इस समस्या का समाधान करने के लिए सक्रिय हैं।

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